हमारी पृथ्वी पर, सौर मंडल में, आकाश गंगा में, यहाँ तक कि इस पूरे ब्रह्माण्ड में, हर वह वस्तु जिसे हम देख सकते हैं, या महसूस कर सकते हैं, या सूंघ सकते हैं ; उसे कई भागो में विभाजित किया जा सकता है , जिसे हम तत्व कहते हैं | प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ९८ तत्व हैं | जिन मे से कुछ इस प्रकार हैं - ऑक्सिजन, लोहा, सोना, चाँदी, आदि |
जब एक या एक से अधिक तत्व जोड़ते हैं , वे एक अणु का निर्माण करते हैं | और यह सब हज़ारो की संख्या मे मिलकर इस ब्रह्माण्ड की बाकी सभी वस्तुओ का निर्माण करते हैं| पानी और कार्बन-दी-ऑक्साइड भी एक प्रकार के अणु ही हैं | परंतु कुछ तत्व ऎसे भी होते हैं , जो आपस में नहीं जुड़ते और ना ही अणु का निर्माण करते हैं | कुछ तत्व ऎसे भी होते हैं जो किसी और तत्व से नहीं जुड़ते और मुक्त रूप में पाए जाते हैं | और इन्ही गैसों का समूह 'महान गैसों' का समूह कहलाता है |
यह कहना भी उचित ही है कि, यदि सही हालत हुए तो इन्ही ‘महान गैसों’ से अणु भी बन सकते हैं | ऎसी स्तिथि वैज्ञानिको द्वारा प्रयोगशाला मे कई बार उत्पन्न की गई हैं परंतु ये दुर्लभ अणु अंतरिक्ष में कभी पाये नहीं गए हैं | अग्रणी वैज्ञानिकों का यह विश्वास है कि, अब तक इन अणुओं के लिए सही स्थितियां अंतरिक्ष में मौजूद ही नहीं हैं |
क्रैब नाब्युला, जो कि इस तस्वीर में दिखाई दे रहा है, असल में १००० साल पहले हुआ एक विशाल तारे का विस्फोट है | इस प्रसिद्द वस्तू के नए अध्यन के द्वारा एक दुर्लभ अणु का खुलासा हुआ है – ‘आर्गन हैड्रिड’ | यह अणु का निर्माण तब होता है , जब महान गैस ‘आर्गन’ ब्रह्माण्ड के सबसे सामान्य तत्व ‘हाइड्रोजन’ से मिलती है | और ऎसा लगता है कि, क्रैब नाब्युला तक़रीबन वही सभी स्तिथियाँ प्रदान कर रहा है , जिनके बारे में हम काफी हद्द तक हार मान चुके थे !
Cool Fact
वास्तव में कुल मिला कर ११८ तत्व हैं , परन्तु सिर्फ ९८ ही प्राकृतिक रूप से पाये जाते हैं | बाकी सभी अन्य तत्व मानव द्वारा निर्मित हैं | और सभी ज्ञात तत्वो को आवर्त सारणी में सूचीबद्ध और वर्गीकृत किया गया है |
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